और सबकी माँ
जन्म से लेकर
अंतिम श्वास तक
जरूरत सबकी माँ
जीवन की हर
छोटी -छोटी बातों में
याद बहुत आती माँ
उसकी निश्छल ममता ,
करूणा है और कहाँ
उसके आँचल तले जैसा
है नही घनी छाँव यहाँ
निस्वार्थ सर्वस्व लुटाने वाली
त्याग की मूर्ती माँ
मीठी लोरी से पलकों में
स्वप्न सुन्दर भरती माँ
सहलाकर नर्म हाथो से
ठंडी राहत देती माँ
बालो को कंघी से
सुलझाने वाली माँ
बड़े प्यार से निवाले को
मुंह में भरती माँ
उसके हाथों सा स्वाद
मिलेगा हमें कहाँ ,
बच्चो के हर सुख -दुख को
भांपने वाली माँ
कहे बिना ही मन के हर
भाव को पढ़ लेती माँ
सबकी चिन्ताओ को अपने
हृदय में समेटे माँ
जीवन के हर मोड़ पर
साथ निभाती माँ
जन्नत उसके चरणों में
है यहाँ बसा हुआ
ईश्वर का ही रूप है
दुनिया की हर माँ .
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मातृ दिवस के पावन पर्व पर सबको ढेरो बधाई ,सभी माओ को नमन .सदा उसके स्नेह से मन हमारा सींचता रहें और जीवन हरा भरा रहें ,हम उनको आदर दे उनकी जरूरतों को समझे उनकी आह नही उनकी दुआए ले ,क्योंकि माँ अनमोल और दुर्लभ है ,इसकी ममता की सदा लाज रक्खे ,जब तक है सेवा करके जीवन सार्थक करे .