tag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post5618175531750913526..comments2023-12-23T02:16:25.831-08:00Comments on काव्यांजलि: सब का मालिक एक हैज्योति सिंहhttp://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-8012844906664184382010-10-07T10:52:30.296-07:002010-10-07T10:52:30.296-07:00यह भाव तो हर समय प्रासंगिक है ।यह भाव तो हर समय प्रासंगिक है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-67265021286529133342010-10-07T06:39:17.512-07:002010-10-07T06:39:17.512-07:00आगर इस रचना पर संकोच है तो फिर शायद हर रचना पर संक...आगर इस रचना पर संकोच है तो फिर शायद हर रचना पर संकोच करती होंगी। सुन्दर और सार्थक सन्देश देती है ये रचना। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-20985959603908228902010-10-07T03:52:30.031-07:002010-10-07T03:52:30.031-07:00बहुत सुंदर भाव है इस रचना में .. काश सब इस भावना क...बहुत सुंदर भाव है इस रचना में .. काश सब इस भावना को समझें ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-77837146033237058752010-10-07T01:54:23.160-07:002010-10-07T01:54:23.160-07:00रचना तो बहुत सुन्दर है, फिर संकोच कैसा? और आपने अप...रचना तो बहुत सुन्दर है, फिर संकोच कैसा? और आपने अपनी रचना में जो बात कही है वो अत्यंत सुन्दर और निर्मल है ... पर धर्मांध लोग समझ नहीं पाते हैं ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-278488118057837612010-10-06T23:06:48.364-07:002010-10-06T23:06:48.364-07:00मानवीय सम्वेदना को बेहतरीन ढंग से आपने उकेरा है......मानवीय सम्वेदना को बेहतरीन ढंग से आपने उकेरा है... बधाई<br /><br />डा.अजीतDr.Ajithttps://www.blogger.com/profile/17632123454222628758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-42258247302953432202010-10-06T22:40:46.831-07:002010-10-06T22:40:46.831-07:00इंसानियत से बढ़कर...नहीं होता धर्म कोई
धर्म सभी होत...इंसानियत से बढ़कर...नहीं होता धर्म कोई<br />धर्म सभी होते हैं सच्चे..अहसास सभी के होते एक से...<br />बहुत सही और सच्ची बात कही आपने...<br />हर मज़हब इंसानियत का पैग़ाम देता है...<br />पवित्र और अम्नो-अमान के भाव से रचित रचना के लिए बधाई.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-81083132958592261702010-10-06T04:56:58.941-07:002010-10-06T04:56:58.941-07:00यह तो बहुत ही सुन्दर भाव लिए हुए कविता है..काश ऐस...यह तो बहुत ही सुन्दर भाव लिए हुए कविता है..काश ऐसा हर कोई सोच पाए और समझ पाए तो भारत से सुन्दर कोई और देश इस धरती पर नहीं होगा.<br />इंसानियत से बढ़कर<br /><br />नही होता धर्म कोई ।<br />हर कोई यह एक बात ध्यान में रखे तो इतनी अशांति ही क्यों हो!<br />बहुत अच्छी रचना है .Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-18124803419878630462010-10-05T11:06:36.407-07:002010-10-05T11:06:36.407-07:00बहुत सुन्दर. काश सब ईश्वर की इस आवाज़ को सुन सकें....बहुत सुन्दर. काश सब ईश्वर की इस आवाज़ को सुन सकें.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-23695798192045457952010-10-05T06:59:54.845-07:002010-10-05T06:59:54.845-07:00बहुत सुंदर लिखा आप ने , धन्यवादबहुत सुंदर लिखा आप ने , धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-25491417649596536742010-10-05T06:23:00.699-07:002010-10-05T06:23:00.699-07:00बहुत सुंदर भाव के साथ रची गई है ये कविता ,
ये हर स...बहुत सुंदर भाव के साथ रची गई है ये कविता ,<br />ये हर सच्चे हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है हम अम्न चाहते हैं ,भाईचारे में विश्वास रखते हैं ,सभी धर्मों का आधार मानवता ही है ,बस उसे ही अपना लें<br />तो धर्म का सच्चा पालन होगा<br />ज्योति जी बधाई हो ,इस र्साथक कविता के लियेइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-2831202288840887052010-10-05T05:54:33.625-07:002010-10-05T05:54:33.625-07:00मोको कहाँ ढूंढें रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में.......मोको कहाँ ढूंढें रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में.....<br />मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना....<br />दोनों ही याद आ गए आपकी रचना पढ़ कर!<br />आभार!<br />आशीष<br />--<br />प्रायश्चितसूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-89438513849988576552010-10-05T01:21:19.407-07:002010-10-05T01:21:19.407-07:00सार्थक रचना। बधाई।सार्थक रचना। बधाई।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-49617774016565010582010-10-05T00:49:54.501-07:002010-10-05T00:49:54.501-07:00सुन्दर लिखा है , जिसको सिर्फ दिल में थोड़ी सी जगह च...सुन्दर लिखा है , जिसको सिर्फ दिल में थोड़ी सी जगह चाहिए , उसने कभी जमीन माँगी ही नहीं ।शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-89049641412638880602010-10-04T23:29:37.352-07:002010-10-04T23:29:37.352-07:00खूबसूरत भावों से सजी अच्छी रचना ..खूबसूरत भावों से सजी अच्छी रचना ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-88237302821224993092010-10-04T21:52:10.583-07:002010-10-04T21:52:10.583-07:00बहुत सुन्दर !बहुत सुन्दर !Priyanka Sonihttps://www.blogger.com/profile/15984049412165820406noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-41844251638774660052010-10-04T20:33:33.196-07:002010-10-04T20:33:33.196-07:00बिलकुल सही बात है इन्सानियत से बढ कर कुछ भी नही। य...बिलकुल सही बात है इन्सानियत से बढ कर कुछ भी नही। यही सच्चा धर्म है । सार्थक रचना। बधाई। कृ्प्या यहाँ भी देखें। धन्यवाद।<br />http://veeranchalgatha.blogspot.com/निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-68558983799851208722010-10-04T19:25:19.174-07:002010-10-04T19:25:19.174-07:00जो धारण करे वह धर्म, धारण करे मानवता को।जो धारण करे वह धर्म, धारण करे मानवता को।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8366910128039332904.post-39816867739405218822010-10-04T15:40:25.844-07:002010-10-04T15:40:25.844-07:00der se aaee ye post par durust aaee .......
bahut ...der se aaee ye post par durust aaee .......<br />bahut sarthak rachana hai.......<br /><br />मानवता की राहो में ,<br /><br />प्रेम के निर्मल भावो में<br /><br />इंसानियत से बढ़कर<br /><br />नही होता धर्म कोई ।<br /><br />kitnee badiya bhav hai.........<br /><br />AabharApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.com