काव्यांजलि
रविवार, 11 अप्रैल 2021
एक सच ऐसा भी (क्या हो गयी है तासीर जमाने की )
›
धूल में सने हाथ कीचड़ से धूले पाँव , चेहरे पर बिखरे से बाल धब्बे से भरा हुआ चाँद , वसन से झांकत...
22 टिप्पणियां:
शनिवार, 10 अप्रैल 2021
धरती की हूँ मैं धूल
›
धरती की हूँ मै धूल गगन को कैसे चूम पाऊँगी उड़ाये जितनी भी आंधियाँ तो भी आकाश न छू पाऊंगी जुड़ी हुई हूँ मै जमीन...
6 टिप्पणियां:
सोमवार, 5 अप्रैल 2021
खट्टे- मीठे एहसास
›
उस पर ऐतबार रहा वो ही मददगार रहा इंसान की जात से तो दिल बस बेजार रहा । 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 सुनाने वाला सुना देता है सुनने वाला सुन लेता ह...
21 टिप्पणियां:
शनिवार, 3 अप्रैल 2021
छोटी छोटी दो रचना
›
नींव की पुनरावृति कर खंडहर क्यो बुलंद करते हो ? जर्जर हो गये जो ख्याल उनमे हौसला कहाँ जड़ पाओगे , अतीत को वर्तमान सा न बनाओ टूटे मन को क...
13 टिप्पणियां:
गुरुवार, 1 अप्रैल 2021
कुछ दिल ने कहा
›
अच्छे को अच्छे बोल देने मे क्या बुराई है अच्छाई से आखिर हमारी क्या लड़ाई है ये तो हर दिल को अजीज होती हैं इसमें ये क्या देखना अ...
16 टिप्पणियां:
सोमवार, 29 मार्च 2021
कुछ ऐसी भी बातें होती हैं....
›
अब क्या करना है ये जिंदगी और मिल भी गई तो क्या? अब वक्त ही नही है इन सभी बातों के लिए इन सभी जज़्बातों के लिए हर बात के लिए 'वक्त'...
20 टिप्पणियां:
गुरुवार, 25 मार्च 2021
रंग पर्व.....
›
ये रंग हो प्यार का ये रंग हो बहार का ये रंग भरे जज्बातों में ये रंग भरे अहसासों में , ये रंग हो सच्चे रिश्तों का ये रंग हो गहरे रिश्तों का य...
9 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें