काव्यांजलि
शनिवार, 2 मई 2009
अभी तो चाँद ऊपर था ,
कब नीचे उतर गया ?
ये ख्वाब हकीकत ,
कैसे बन गया
?
या मैं जागकर ,
सपने में रह गया
2 टिप्पणियां:
Yogesh Verma Swapn
3 मई 2009 को 12:20 am बजे
sunder rachna.
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वन्दना अवस्थी दुबे
3 मई 2009 को 2:50 am बजे
बहुत सुन्दर.... शब्द-पुष्टिकरण हटा लें तो टिप्पणी देने में सुविधा होगी.
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sunder rachna.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.... शब्द-पुष्टिकरण हटा लें तो टिप्पणी देने में सुविधा होगी.
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