शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

आपबीती

तुम्हारे ओस रुपी अश्क से ये ,
नमी क्यो झलक रही है ?
कौन सी व्यथा की
ये लकीर खीँच रही है ।
किस दर्द भरी दास्ताँ को
बयां कर रही है ।
ऐ अजनबी ये तेरी आँखे ,
उदास लग रही है ।
खामोश निगाहें तुम्हारी
जुबां बन गई है ,
छिपाओ न और ज़ख्म
बहुत कुछ कह गई है ।
क्योकि हम सब के जो किस्से है ,
वही तो बुन रही है ।
आपबीती अपने आप को
दोहरा रही है ।

15 टिप्‍पणियां:

  1. आपबीती अपने आप को दोहरा रही है
    बहुत खूब

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  2. jyoti ji , maun aur man ki milijuli abhivyakti hai aapki ye kavita .. mujhe bahut acchi lagi aapki ye rachna .. badhai sweekar kare...

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  3. विजय जी ,आपकी बाते मेरी कविता से ज्यादा बेहतर है ,धन्यवाद .

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  4. कह पाना मन , कह जाना मन , इतना आसान तो नहीं होता . और इस सौन्दर्य्शीलता से .
    बहुत सुन्दर !

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  5. राज जी ,आप ब्लॉग पे आये अच्छा लगा .मन को समझाना सचमुच ही मुश्किल है ,बहुत सुन्दर विचार है आपके .शुक्रिया .

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  6. har lafz aur har andaaz dil mein basane ke qabil hai bahut achcha

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  7. mn ke andar panap rahi kash.m.kash
    ka khoob chitran kiya hai aapne apni
    iss nazm meiN....
    maun jab aankhoN ke khaalipan se jhaankta
    hai to qreeb-qreeb sb bayaaN ho jata hai
    bs...padhne wala hona chahiye...

    ---MUFLIS---

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  8. सच कहा सब aapbeeti अपने आप को dohrati है........... समय lout कर जरूर आता है .........

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  9. इतने सारे रचनाकार अपनी टिप्पणियों में लगभग सब कह चुके हैं....देर से आने के लिये माफ़ तो करेंगीं न?

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  10. आप सभी लोगो का तहे दिल से शुक्रिया .इतने प्यारे टिपण्णी के लिए आभारी हूँ .

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  11. खामोश निगाहें तुम्हारी
    जुबां बन गई है ,
    छिपाओ न और ज़ख्म
    बहुत कुछ कह गई है ।
    bhut sundar likha hai.
    bhut khoob

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  12. ज्योति जी ये लीजिये आ गयी मैं!
    बहुत ही सुन्दर और सरल है आपकी रचना ! मैं धीरे धीरे बाकी सब पोस्ट पढूंगी!
    मुझे हिंदी बहुत ही पसंद है!
    काश मैं भी लिख पाती मेरे ब्लॉग में लेकिन सबको समझ आये इसलिए मैं सिर्फ अंग्रेजी में लिखती हूँ!

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  13. शोभना जी ,अरुणा जी ,क्या कहू ?कुछ सोंच नहीं पा रही .शुक्रिया आपके लिए छोटा लग रहा है .तहे दिल से आभारी हूँ .
    अरुणा जी आप भी मेरी रचना की तरह सरल है और अच्छी इंसान भी .जो किसी की बात का मान बढाये वह कोई विशेष होता है .ऐसे लोगो की मैं बहुत इज्जत करती हूँ .अच्छा लगा आने से .

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