शनिवार, 3 मई 2014

मसीहा..............

भीड़  में जो अक्सर  गायब  हो जाते है  

भीड़ हटने  पर  वो  अकेले  रह जाते  है ,

सबके साथ  वो रास्ते  पर  चल नही पाते 

पर  सबके लिये  रास्ते  वो जरूर बनाते है ,

मसीहा तो  हर कोई यहाँ बन नहीं सकता 

तभी  सर  उसके आगे  सब झुकाते है  । 




तभी  सर  उसके आगे  सब झुकाते है  । 

3 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा है मसीहा बनना आसान नहीं ... पर जो बन जाते हैं सब उसी को देखते हैं ...

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  2. केवल बाहरी प्रदर्शन से कोई मसीहा नही बन सकता.

    मसीहा होने में आत्मबोध और आत्मबल की
    आवश्यकता है.

    सुन्दर प्रस्तुति....

    आभार ज्योति जी.

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  3. namaskar
    bahut dino ke baad phir blogging kee aor muda hoo . aapke blog par ab aate rahunga . aap kaisi hai
    aapka phone number kho gaya hai . ek baar call kariye .

    ye nazm bhi apne aap me bahut kuch kahti hai

    dhaywaad
    vijay
    09849746500

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