शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

औरत

बहुत कुछ बदला है
बहुत कुछ बाकी है।
एक रोज़ वो सबकुछ मिलेगा,
औरत जो यहाँ चाहती है।

8 टिप्‍पणियां:

  1. ज़रूर मिलेगा सब कुछ ... ओरत की हिम्मत पहाड़ से भी ज़्यादा है और वो पास लेगी जो उसे चाहिए ...

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  2. वाह.... एक बार फ़िर स्वागत है इस शानदार कविता के साथ तुम्हारा..

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