बहुत कुछ बदला है बहुत कुछ बाकी है। एक रोज़ वो सबकुछ मिलेगा, औरत जो यहाँ चाहती है।
ज़रूर मिलेगा सब कुछ ... ओरत की हिम्मत पहाड़ से भी ज़्यादा है और वो पास लेगी जो उसे चाहिए ...
क्या कहने, बहुत सुंदर
आमीन
वाह.... एक बार फ़िर स्वागत है इस शानदार कविता के साथ तुम्हारा..
बहुत सही
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ज़रूर मिलेगा सब कुछ ... ओरत की हिम्मत पहाड़ से भी ज़्यादा है और वो पास लेगी जो उसे चाहिए ...
जवाब देंहटाएंक्या कहने, बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआमीन
जवाब देंहटाएंवाह.... एक बार फ़िर स्वागत है इस शानदार कविता के साथ तुम्हारा..
जवाब देंहटाएंबहुत सही
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