रविवार, 28 अप्रैल 2019

युग परिवर्तन

युग परिवर्तन

न तुलसी होंगे, न राम

न अयोध्या नगरी जैसी शान .

न धरती से निकलेगी सीता ,

न होगा राजा जनक का धाम .

फिर नारी कैसे बन जाये

दूसरी सीता यहां पर ,

कैसे वो सब सहे जो

संभव नही यहां पर .

अपने अपने युग के अनुसार ही

जीवन की कहानी बनती है ,

युग परिवर्तन के साथ

नारी भी यहॉ बदलती है ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. इस युग की सीता, अवश्य ही नारी भी ज्यादा सशक्त होगी। सुन्दर रचना हेतु बधाई ।

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  2. नारी क बदलना चाहिए भी ... शक्ति और भक्ति तो नारी सदेव से है पर समय अनुसार हर परिवेश में खुद को ढालने की क्षमता है उसमें ...
    सुन्दर रचना है ...

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  3. युग परिवर्तन के साथ नारी भी यहॉ बदलती है सशक्त नारी पर .. आपने बहुत उम्दा लिखा है

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