शनिवार, 7 मार्च 2020

नारी तुझसे ये संसार

नारी दुर्गा का अवतार
शक्ति जिसमें असीम अपार ,

नारी शारदा स्वरूप
बहाये प्रेम दया की धार ,

नारी लक्ष्मी का ले अवतार
चलाये संयम से घर संसार ,

हे जगजननी कष्ट निवारिणी
हाथ तेरे अन्नपूर्णा का भंडार ,

त्रिशक्ति को करके धारण
करती जगत का ये उद्धार ,

ममतामयी करुणामयी,क्षमाधात्री
तेरी महिमा का नही पार ,

जहां होता है नारी का सम्मान
भगवान भी आते है उसी द्वार ,

बिन नारी घर भूत का डेरा
नारी से ही सुशोभित है घर -संसार ,

फिर भी इस पर अन्यायों का
क्यो होता रहता है प्रहार ,

जो हारी इसकी उम्मीदे
समझो ये है हमारी हार ,

जो हारी इसकी उम्मीदे
समझो ये है विश्व की हार ।

सभी साथियों को महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएं

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 08 मार्च 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत ही सुंदर रचना।

    मुझे तो बस इतना पता है कि माँ नहीं होती तो मैं नही होता और पत्नी नहीं होती तो मेरे बच्चे / बेटियाँ नहीं होती। इसकी पटाक्षेप में नानी व दादी की भूमिका कैसे भूल सकता हूँ ।

    एक पुरुष तो महज कड़ी की भाँति है। हमारा पूर्ण अस्तित्व ही आपकी वजह से है।

    महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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