सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

सवाल बेहिसाब ..........

जिसे चाहा हमेशा ज़िन्दगी की तरह

वो रह गया आज अजनबी बनकर


गिला करे भी तो किसी से क्या कहकर

कल जो अपना था ,उससे दगा किया नही जाता


जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी

औरो का विश्वास हिलाया नही जाता


वफ़ा उसकी साथ अब भी है मेरे

यह यकीन मेरे पन्ने से मिटाया नही जाता


दुनिया के दस्तूर में हुआ वो भी शामिल

ख़िलाफ़ होकर उससे , जिया नही जाता


कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर

जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता


दिल को तरकीने से अब बहला लिया हमने

ये सोच दुनिया -ए-बेसबात में इकसां नही रहता

22 टिप्‍पणियां:

  1. kuchch baaat aisi hai........................juda kiya nahin jaata.

    wah , sunder abhivyakti.

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  2. बहुत सुंदर भाव हैं, जिनमें आपकी सोच और आपके विचार स्पष्ट झलकते हैं।
    बधाई।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  3. ज़िन्दगी के पन्नों से कुछ मिटता तो नहीं, पर सार मिलते हैं ....बहुत ही बढिया

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  4. jyoti ji
    kya kahun , aapki is rachna ne to bahut kuch sochne par mazboor kar diya hai .. shabd seedhe seedhe dil me utar rahe hai ..
    कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर
    जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता ।
    mujhe ye sabse acchi lagi ...

    regards

    vijay
    www.poemsofvijay.blogspot.com

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  5. हताशा का संवेदनशील दस्तावेज। बधाई।

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  6. Jise ham chahte hain zindagee se badhke, jab wo mooh mod lete hain to darkee parakashtha hotee hai..

    Aap :

    http://kavitasbysham.blogspot.com

    is blogpe jayen...yaa sansmaran, tatha kahenee blog pe bhee jayngee to blog list hai, uspe click karen...lekin wo blog updated nahee hai...

    http://shamasnasmaran.blogspot
    is blog pe bhee links hai!

    'Ek sawal tum karo' is blog pe tippanee ke liye tahe dilse shukriya!

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  7. जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
    औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
    नैराश्य की अदभुत प्रस्तुति
    बधाई

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  8. बहुत सुंदर भाव हैं, जिंदगी की सही तस्वीर दिखाते हुए।
    करवाचौथ और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
    ----------
    बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?

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  9. इस बार मुझे कुछ कमी सी लगी...!

    जारी रहें.
    ---


    हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]

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  10. ज्योति जी हौसला अफ़जाही के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! आपने बिल्कुल सही कहा है कि कुत्ता भौकता है तो भौकने दे!
    बहुत ही सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बेहद पसंद आया!

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  11. कभी कभी लगता है कि जिंदगी एक सवाल ही तो है। आपने जिंदगी के सवालों को बहुत सलीके से शब्दों मं पिरोया है।
    करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
    ----------
    बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?

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  12. जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
    औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
    संवेदनशील रचना

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  13. कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर
    जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता ।

    जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
    औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।

    बढ़िया और गहरे संवेदनशील भावों से ओत-प्रोत रचना बेहद पसंद आई.
    हार्दिक बधाई.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  14. जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
    औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।

    बहुत खूब सुन्दर लिखा है आपने शुक्रिया

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  15. yogesh ji ,zakir ji,arun ji vijay ji ,manoj ji aur girish ji aap sabhi ka shukriyaan tahe dil se .

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  16. rashmi ji ,kshama ji ,shama ji ,babli ji ,arshiya ji ,ranjana ji ,vikram ji ,chandramohan ji ,amit ji aap sabhi ka tahe dil se shukriyaan .

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  17. गिला करे भी तो किसी से क्या कहकर
    कल जो अपना था ,उससे दगा किया नही जाता ।
    yahi to sachhe artho me jidgi hai .
    bhut sundr bhavjaise sundar man.
    abhar

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  18. बहुत खुबसूरत रचना एक दिल से निकलती आवाज़ !! अपनों के दिए ज़ख्म भी संभालकर रखते हैं !!

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  19. कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर
    जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता .....

    लाजवाब शेर है ......... प्रेम में अक्सर ऐसा होता है ........ कुछ भी भूलना आसान नहीं होता .......

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