मंगलवार, 5 जनवरी 2010

आते -जाते साल

आते साल
जाते साल ,
गम -ख़ुशी
लपेटे साल ,
कड़ी धूप में
तपते साल ,
ठंडी छाँव में
बीते साल ,
मिलने और बिछुड़ने की
यादो में सिमटे साल ,
और तपाते हुए हमें
जीवन के अनुभव में ,
जीवन -दर्शन कराते
रहे ये साल ,
कितने उतार-चढ़ाव में
गिरते -संभलते साल ,

औरो के आगे

खुद को

बेहतर पाते साल ,

जिंदगी मुमकिन है

मगर आसान नहीं ,

यही अहसास

दे जाते साल ,

सबके दामन महके

खुशियों से

यही दुआए ले

आते साल

8 टिप्‍पणियां:

  1. आस्था और आशावादिता से भरपूर स्वर इस कविता में मुखरित हुए हैं।

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  2. जीवन दर्शन का पाठ पढ़ाती एक आशा वादी रचना

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  3. सबके दामन महके
    खुशियों से
    यही दुआए ले
    आते साल .....

    आशा और उम्मीद जगाती लाजवाब रचना ......... नये साल का स्वागता करती ........

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  4. जीवन के अनुभव में ,
    जीवन -दर्शन कराते
    रहे ये साल ,
    -बहुत अच्छी लगी ये पंक्तियाँ.

    सबके दामन महके
    खुशियों से
    यही दुआए ले
    आते साल ।
    -शुभकामनाएँ आप को भी.

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  5. आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
    बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!

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  6. आते-जाते सालों में जीवन की सुंदर अभिव्यक्ति । नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ । नव वर्ष में हर्ष की अनुभूति हो ।

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