रविवार, 30 जनवरी 2011

बदलते रंग


रुख हवाओ का बदला तो
सब कुछ बदल गया ,
दिशा बदल गयी
रास्ते बदल गये ,
ख्वाहिशो के रंग उतरकर
नये रंगों में ढल गये ,
सूरते भी आईने में
बदलती नज़र आई ,
रिश्तो के मायने
नई भूमिका सजाई ,
मोटे -मोटे अक्षरों को
हमने रेखांकित किया ,
और हर शब्द को
व्याख्यायित किया

18 टिप्‍पणियां:

  1. Havaon ke rukh to zindagi badal ke rakh dete hain!
    Behad khoobsoorat rachana!

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  2. अंतस के गूढ़ भावों को अभिव्यक्त करती यह कविता निश्चय ही बहुत सुन्दर है,
    आपकी कलम को शुभ कामनाएं

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  3. रुख हवाओ का बदला तो
    सब कुछ बदल गया ,
    दिशा बदल गयी
    रास्ते बदल गये ,
    ख्वाहिशो के रंग उतरकर
    नये रंगों में ढल गये ,
    सुन्दर कविता है ज्योति जी. बधाई.

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  4. रुख हवाओ का बदला तो
    सब कुछ बदल गया ,
    दिशा बदल गयी
    रास्ते बदल गये ,
    ख्वाहिशो के रंग उतरकर
    नये रंगों में ढल गये ,

    बहुत बढ़िया !

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  5. हवा (या कहें आबो-हवा) बदलने से काफी कुछ बदल जाता है....
    सुन्दर लेखन

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  6. रुख बदलते ही शब्द और उनके अर्थ बदलने लगते हैं, सुन्दर कविता।

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  7. ख्वाहिशों के रंग उतरकर नए रंगों में ढल गए.
    सूरते भी आईने में बदलती नज़र आई.
    रिश्तों के मायने
    नई भूमिका सजाई !

    वाह,ज्योति जी,
    ज़माने के बदलते रंगों को आपने बहुत ही खूबसूरती से परिभाषित किया है !

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  8. और व्याख्यायित करते हुए आपने उसे एक सुन्दर-सी कविता का रूप दे दिया.

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  9. रुख हवाओ का बदला तो
    सब कुछ बदल गया ,
    दिशा बदल गयी
    रास्ते बदल गये ,
    ख्वाहिशो के रंग उतरकर
    नये रंगों में ढल गये ,

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है ...रुख बदल जाने से जीवन में बहुत कुछ बदल जाता है।

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  10. बदलाव तो सृष्टी का कुदरती नियम है। बहुत गहरे से अपने भावों को व्यक्त किया है। शुभकामनायें।

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  11. जितनी व्याख्या करते हैं , उतनी ही उलझने सामने आती हैं ! मानव मन मैं जान न पाऊँ ! शुभकामनायें आपको !

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  12. रुख हवाओ का बदला तो
    सब कुछ बदल गया ,
    दिशा बदल गयी
    रास्ते बदल गये ,
    ख्वाहिशो के रंग उतरकर
    नये रंगों में ढल गये ,

    सुन्दर लेख । वाकई, रुख हवाओ का बदले तो बदल जाती है ज़िन्दगी ।

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  13. रुख हवाओ का बदला तो
    सब कुछ बदल गया ,
    दिशा बदल गयी
    रास्ते बदल गये ,
    ख्वाहिशो के रंग उतरकर
    नये रंगों में ढल गये ,......

    मनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। बधाई।

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  14. बहुत खूब व्याख्या आपने अंतर्मन के भावों की ...बेहतरीन

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  15. रिश्तो के मायने
    नई भूमिका सजाई ,
    मोटे -मोटे अक्षरों को
    हमने रेखांकित किया ,

    सच्चाई को वयां करती आपकी यह रचना ....जीवन सन्दर्भों को उद्घाटित करती है ...आपका शुक्रिया

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