शनिवार, 7 मई 2011

ममतामयी माँ


माँ मेरी माँ

और सबकी माँ

जन्म से लेकर

अंतिम श्वास तक

जरूरत सबकी माँ

जीवन की हर

छोटी -छोटी बातों में

याद बहुत आती माँ

उसकी निश्छल ममता ,

करूणा है और कहाँ

उसके आँचल तले जैसा

है नही घनी छाँव यहाँ

निस्वार्थ सर्वस्व लुटाने वाली

त्याग की मूर्ती माँ

मीठी लोरी से पलकों में

स्वप्न सुन्दर भरती माँ

सहलाकर नर्म हाथो से

ठंडी राहत देती माँ

बालो को कंघी से

सुलझाने वाली माँ

बड़े प्यार से निवाले को

मुंह में भरती माँ

उसके हाथों सा स्वाद

मिलेगा हमें कहाँ ,

बच्चो के हर सुख -दुख को

भांपने वाली माँ

कहे बिना ही मन के हर

भाव को पढ़ लेती माँ

सबकी चिन्ताओ को अपने

हृदय में समेटे माँ

जीवन के हर मोड़ पर

साथ निभाती माँ

जन्नत उसके चरणों में

है यहाँ बसा हुआ

ईश्वर का ही रूप है

दुनिया की हर माँ .
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मातृ दिवस के पावन पर्व पर सबको ढेरो बधाई ,सभी माओ को नमन .सदा उसके स्नेह से मन हमारा सींचता रहें और जीवन हरा भरा रहें ,हम उनको आदर दे उनकी जरूरतों को समझे उनकी आह नही उनकी दुआए ले ,क्योंकि माँ अनमोल और दुर्लभ है ,इसकी ममता की सदा लाज रक्खे ,जब तक है सेवा करके जीवन सार्थक करे .

22 टिप्‍पणियां:

  1. हृदयस्पर्शी कविता - माँ के चरणों में स्वर्ग है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर ज्योति जी .....माँ से बढ़कर क्या है.... भावमयी प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. माँ सबसे अच्छी सबसे प्यारी होती है..... हैप्पी मदर्स डे

    जवाब देंहटाएं
  4. आपके माँ के प्रति सुन्दर उद्गारों को पढकर मन प्रसन्न हों गया और माँ की यादों में खो गया.स्त्री
    का मातृत्व भाव सर्वोच्च भाव है जिसमे ईश्वर के दर्शन होते हैं.सुन्दर और अनुपम प्रस्तुति के लिए आपको सादर नमन.
    आप मेरे ब्लॉग पर क्यूँ नहीं आयीं अभी तक ?
    आपके सुविचारों की आनंद वृष्टि के बैगर सूनी सूनी है मेरी पोस्ट.आपतो ममता से परिपूर्ण हैं,आपकी देर से लगता है आप नाराज तो नहीं.

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर रचना. बधाई, मातृ-दिवस की.

    जवाब देंहटाएं
  6. ईश्वर का ही रूप है
    दुनिया की हर माँ
    bahut bhavmayi rachna . shubhkamnaen .

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर, बेहतरीन अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  8. मां पर एक हृदयस्पर्शी कविता, बहुत खुब, धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  9. माँ तो माँ है. भावपूर्ण काव्य रचना ...

    मातृदिवस की शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  10. मातृदिवस की शुभकामनाएँ ज्योति .
    सच...माँ ईश्वर का ही रूप है...आप की कविता बहुत ही भावमयी प्रस्तुति है.

    जवाब देंहटाएं
  11. Ma ki yad mein aapki kavita sahashra paarijaaton ki khusbu liye hai...badhayee.

    जवाब देंहटाएं
  12. माँ के ऊपर भावमयी प्रस्तुति। धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  13. ज्योति जी बहतु सुन्दर रचना माँ के हर कृत्य व् प्यार को बयां करती रचना निम्न बहुत भायी
    बच्चों के हर सुख -दुख को
    भांपने वाली माँ
    कहे बिना ही मन के हर
    भाव को पढ़ लेती माँ
    माँ के विषय में जो भी लिखिए सब कम है ..
    शुक्ल भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  14. माँ की याद दिल में रहे ... मा का साया बना रहे तो फॉर बात ही क्या ... सुंदर रचना है ...

    जवाब देंहटाएं
  15. एक बहुत ही सरल भाषा में कही गयी कविता,
    एक एक शब्द माँ की महानता की खुद-ब-खुद कहानी कहता हुआ दिखा.
    सच में इसी लिए मैं बहुत पहले लिख चुका हूँ... .......
    युग बदले, युग नेता बदले, बदला सकल जहान....
    पर न बदला, इस दुनिया में, " माँ " का हृदय महान ..
    - विजय तिवारी

    जवाब देंहटाएं