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अहसास.......
धीरे - धीरे यह अहसास हो रहा है ,
वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है।
कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़ ,
आज क्यों मेरा रकीब हो रहा है।
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इन्तहां हो रही है खामोशी की ,
वफाओं पे शक होने लगा अब कहीं।
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जिंदगी है दोस्त हमारी ,
कभी इससे दुश्मनी ,
कभी है इससे यारी।
रूठने - मनाने के सिलसिले में ,
हो गई कहीं और प्यारी ।
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इस इज़हार में इकरार
नज़रंदाज़ सा है कहीं ,
थामते रह गए ज़रूरत को ,
चाहत का नामोनिशान नहीं।
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ये बहुत पुरानी रचना है किसी के कहने पर फिर से पोस्ट कर रही हूँ ।
कुछ दिल ने कहा
अच्छे को अच्छे बोल देने मे क्या बुराई है अच्छाई से आखिर हमारी क्या लड़ाई है ये तो हर दिल को अजीज होती हैं इसमें ये क्या देखना अपनी है या पराई है । 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 जिस बात के लिए बहुत सोचना पड़ता है उस बात को फिर पीछे छोड़ना पड़ता है । 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 दिमाग वालों से यहाँ कौन भिड़ता है वेबकूफ़ों से ही तो हर कोई लड़ता है। 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 सच ही कभी कभी हमें स्वीकार नहीं होता आँखों देखे पर भी हमें विश्वास नहीं होता। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 हर कोई बैठा है इसी इंतजार में कब सब अच्छा होगा इस संसार में । 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वक़्त की मांगे करवटें लेती रहती हैं उम्मीदें बहुत कुछ बदल देती हैं आगाज से बहुत अलग अंजाम होता है अंत में सब लकीरों के नाम होता है ।
टिप्पणियाँ
के अहसास का भी पता नही चल रहा.दुआ करता हूँ कि अब
'अखण्ड ज्योति सदा जगमगाये'
मेरे ब्लॉग पर आप आयीं,बहुत खुशी मिली मुझे.
अब आपकी भावभीनी टिप्पणियों का इंतजार है जी.
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
मेरी नई पोस्ट में ....
सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
चुल्लु भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
छल का सूरज डूब रहा है, नई रौशनी आयेगी
अंधियारे बाटें थे तुमने, जनता सबक सिखायेगी,
आपका स्वागत है
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खुबसूरत चित्रावली के साथ
♥
ज्योतिजी
आपका और सर्दी का
हार्दिक स्वागत है …
☺
मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
जाड़े ने कर दिया कबाड़ा.
wellcome back.
आपको नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईये ,प्लीज.
वीर हनुमान का बुलावा है आपको.
स्वस्थ होवें.मेरे कारण आप कष्ट लेकर
भी मेरे ब्लॉग पर आयीं इसके लिए शब्द
नही हैं मेरे पास आपका आभार प्रकट करने के लिए.आपके स्नेह और भक्ति भाव को सादर नमन.
नववर्ष आपको सदा शुभ और मंगलमय हो.
welcome to new post--जिन्दगीं--
vikram7: महाशून्य से व्याह रचायें......
आपका काफी दिन से कोई समाचार नही है.
सब कुशल मंगल की कामना करता हूँ.