काव्यांजलि
शुक्रवार, 7 जुलाई 2017
औरत
बहुत कुछ बदला है
बहुत कुछ बाकी है।
एक रोज़ वो सबकुछ मिलेगा,
औरत जो यहाँ चाहती है।
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