शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

चन्द सवाल है जो चीखते रह गये ...

हमारे दरम्यान के सभी रास्ते यकायक बंद हो गये
क्या कहे ,न कहे हम इस सवाल पर अटक गये ।

हम जानते है ये खूब ,दगा फितरत मे नही तुम्हारे
कोशिश तो थी  मिटाने की ,मगर दाग फिर भी रह गये ।

जब भी बढ़कर उदासी मे  तुम्हे गले लगाना चाहा,
तभी कुछ चुभने लगा और कदम ठहर गये ।

सब कुछ ख़ामोशी मे दबकर तो रह गया
मगर चंद सवाल है ,जो चीखते रह  गये ।

हर बात गहरे यकीन का अहसास दिलाती है
पर वो नही कभी कह पाये जो तुम कह गये ।

8 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    22/09/2019 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद ,हृदय से आभारी हूँ आप सभी की

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  3. बहुत सुंदर! मगर चंद सवाल है ,जो चीखते रह गये ।

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  4. समेट लिया है मन के सारे भावों को

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