बदल गये ......

इतने जख्म मिले कि अब संभल गये
बात अब तुममे वो नही , बदल गये ।
एतबार के सहारे सफ़र आगाज़ किया
जो छूट गया तुमसे तो , हम थम गये ।
फासले बढ़ते - बढ़ते . मिट गये कही
रिश्ते जो दरम्यान रहे , नही रह गये ।
मौत को ढकेल जिजीविषा बढ़ गयी
रात बड़ी और दिन अब सिमट गये ।
गमे - जुल्म जिंदगी पे ढाते कब तलक
तुम जो बदले तो , हम भी बदल गये ।