सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार सिर्फ एक बार उम्मीद की दहलीज पर खड़े रहकर यह एक बार क्या रहता है सिर्फ एक बार ? हर बात का अंत इतनी आसानी से नही होता , अगर होता तो असर फिर उसका रहता सिर्फ एक बार .
उम्मीद छोड़ रहे है विश्वास तोड़ रहे है जीने की हर राह से मुंह अपने मोड़ रहे है , सपनो को मिटाकर इच्छाओ को दफनाकर फिर जिन्दगी के वास्ते दुआ मांगने के लिए क्यो हाथ जोड़ रहे है ?
रकीबो की फिक्रे तमाम हो गई दोस्ती जो यहां बदनाम हो गई . उन्ही के शहर मे ठिकाना ढूंढ रहे है मुश्किल मे कितनी ये जान हो गई. अपनो से ही सब किनारा करने लगे उम्मीद इस कदर यहां निलाम हो गई . हादसा हादसा और हादसा ही यहां हर कहानी का सिर्फ उनबान हो गई .
भीड़ में जो अक्सर गायब हो जाते है भीड़ हटने पर वो अकेले रह जाते है , सबके साथ वो रास्ते पर चल नही पाते पर सबके लिये रास्ते वो जरूर बनाते है , मसीहा तो हर कोई यहाँ बन नहीं सकता तभी सर उसके आगे सब झुकाते है । तभी सर उसके आगे सब झुकाते है ।
इस दुनिया से ज्यादा कही खुद को समझना मुश्किल है , जिस दिन हम खुद को समझ गये राह समझ लो सब मुमकिन है । >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> गुजरते वक़्त के साथ यहाँ कई बात बदल जाती है , मन तो बच्चा ही रहता है पर इच्छाये बड़ी हो जाती है । <<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<< आगे बढ़ने के लिए हमें बीती बातों से रिश्ता तोडना पड़ता है , जीवन को जीने के लिए कुछ बातों से समझौता करना पड़ता है। .
इस जहां में गरीबी इतनी आसान नहीं यारो एक पेट के लिए आदमी कितना भटकता है यारो , कल के सूरज के लिए यहाँ कोई नहीं सोचता आज की शाम गुजर जाये यही बहुत है यारो , हर वक़्त वो इसकी फ़िक्र में घुलता रहता है रात से भी अधिक गहरा साया इसका है यारो , जीने के लिए तमाम कोशिशे करता रहता है वो आदमी जो है ,हिम्मत नहीं छोड़ता यारो , हालत इनकी संभल जाये हमेशा के लिए ही बस यही दुआ मिलकर अल्लाह से करो यारो ।