संदेश

रक्खो न भेद कोई

ईश्वर हो या अल्लाह वो कहता बस यही मुझे न चाहिये कोई जमीन और न इमारत बड़ी बड़ी मैं तो हूँ कण -कण में जीवन की हर धड़कन में याद करोगे जिस जगह मिलूंगा तुम्हें मै वही , नाम हमे चाहे जो दे ...

एक छोटी सी लड़की -दो रूप --पहला

एक छोटी सी लड़की कब नासमझ से समझदार हो गई एक छोटी सी लड़की कब लापरवाह से जिम्मेदार हो गई एक छोटी सी लड़की कब खुले आकाश में उड़ते -उड़ते पिंजरे में बंद हो गई एक छोटी सी लड़की कब यहाँ लड़...

नारी तुझसे ये संसार

नारी दुर्गा का अवतार शक्ति जिसमें असीम अपार , नारी शारदा स्वरूप बहाये प्रेम दया की धार , नारी लक्ष्मी का ले अवतार चलाये संयम से घर संसार , हे जगजननी कष्ट निवारिणी हाथ तेरे अन...

बूंदे ओस की

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ओस की एक बूँद नन्ही सी चमकती हुई अस्थाई क्षणिक रात भर की मेहमान ___ जो सूरज के आने की प्रतीक्षा कतई नही करती , चाँद से रूकने की जिद्द करती है , क्योंकि दूधिया रात मे उसका व...

शाख के पत्ते ...

हम ऐसे शाख के पत्ते है  जो देकर छाया औरो को  ख़ुद ही तपते रहते है , दूर दराज़ तक छाया का  कोई अंश नही , फिर भी ख्वाबो को बुनते है  उम्मीदों की इमारत बनाते है , और ज्यो ही ख्यालो से ...

चन्द सवाल है जो चीखते रह गये ...

हमारे दरम्यान के सभी रास्ते यकायक बंद हो गये क्या कहे ,न कहे हम इस सवाल पर अटक गये । हम जानते है ये खूब ,दगा फितरत मे नही तुम्हारे कोशिश तो थी  मिटाने की ,मगर दाग फिर भी रह गये । जब...

दुर्दशा ?

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जीवन की अवधि और दुर्दशा चीटी की भांति होती जा रही है , कब मसल जाये कब कुचल जाये , कब बीच कतार से अलग होकर अपनो से जुदा हो जाये । भयभीत हूँ सहमी हूँ मनुष्य जीवन आखिर अभिश...