पतन से पहले
अंत बुराई का
निश्चय ही होता है ,
तब आस का दीपक
हरदम ही जलता है
यही वजह है
अंश यहां
मानवता का जिंदा है ,
घायल तो है
जमीर यहाँ
पर वो शर्मिंदा है ।
एक आस का दीपक ही है जी प्रकाश ले आता है हर अन्धकार में ...सुन्दर रचना ...
Shukriya digambar ji
एक आस का दीपक ही है जी प्रकाश ले आता है हर अन्धकार में ...
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Shukriya digambar ji
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