सच है...........tanhai में aansoo ही साथ देते हैं......... lajawaab rachna
आँखों में भरे नींदों को ,तन्हाई का ऐसा आलम कब रात गई कब सहर हुई । बहुत खूब
shukriya bahut bahut digambar ji,vikram ji.
दरीचा बेसदा कोई नहीं था, अगर्चे बोलता कोई नहीं था.इतनी ही गहरी है, आपकी गज़ल की तन्हाई भी. बहुत सुन्दर.
bahut umdaa Jyoti ji!
bahut umda
खुबसूरत शेर .तन्हाई का ऐसा आलमकब रात गई कब सहर हुई ।bdhai
अश्को ने सदा साथ निभाया ।क्षमा कीजिये ज्योति जी ,मैं आप से इतिफाक नहीं रखता ,मेरा तो कहना हैं --------- याराँ वो तो बेवफा हुआ,गम में जो आँसू ,आँखों से जुदा हुआ,पूरी यहाँ उपलब्ध है आंसू और तनहाई
जागते को सुबह भी जगाने आई waah waah..bahut khoob..kya baat hai, zabardat...
aap aai baharo ki tarah ,wafa ki ye ada bhi khoob rahi ,is niraale andaaz pe to hum fida ho gaye .
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10 टिप्पणियां:
सच है...........tanhai में aansoo ही साथ देते हैं......... lajawaab rachna
आँखों में भरे नींदों को ,
तन्हाई का ऐसा आलम
कब रात गई कब सहर हुई ।
बहुत खूब
shukriya bahut bahut digambar ji,vikram ji.
दरीचा बेसदा कोई नहीं था,
अगर्चे बोलता कोई नहीं था.
इतनी ही गहरी है, आपकी गज़ल की तन्हाई भी. बहुत सुन्दर.
bahut umdaa Jyoti ji!
bahut umda
खुबसूरत शेर .
तन्हाई का ऐसा आलम
कब रात गई कब सहर हुई ।
bdhai
अश्को ने सदा साथ निभाया ।
क्षमा कीजिये ज्योति जी ,मैं आप से इतिफाक नहीं रखता ,मेरा तो कहना हैं ---------
याराँ वो तो बेवफा हुआ,
गम में जो आँसू ,
आँखों से जुदा हुआ,
पूरी यहाँ उपलब्ध है
आंसू और तनहाई
जागते को सुबह भी जगाने आई
waah waah..
bahut khoob..
kya baat hai, zabardat...
aap aai baharo ki tarah ,wafa ki ye ada bhi khoob rahi ,is niraale andaaz pe to hum fida ho gaye .
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