शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

नए साल के आने पर ..

ये साल गुजरा तो
कितने बाते याद आई ,
क्या खोया क्या पाया
सोच ये जहन में उभर आई
बही खाते अपने पन्ने
धड़ाधड़ पलटने लगे ,
नफा -नुकसान का हिसाब
फटाफट बताने लगे
वक़्त की रफ़्तार का तब
गहरा अहसास हुआ ,
एक वर्ष गुजर गया
इसका अंदाज हुआ
जिंदगी हम तुझसे और
एक बर्ष दूर हो गये ,
सोचकर ये दिल और उदास हुआ
तभी इरादे को दृढ़ की
अपनी सोच को नई दिशा दी ,
छूट गये जो काम
गुजरे साल में
करेंगे हम उन्हें पूरा
इस नए साल मे ।

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आप सभी मित्रो को नव बर्ष की ढेरो बधाइयां ,नव बर्ष मंगलमय हो .