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छोटी छोटी दो रचना

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नींव की पुनरावृति कर  खंडहर क्यो बुलंद करते हो ? जर्जर हो गये जो ख्याल  उनमे हौसला कहाँ जड़ पाओगे ,  अतीत को वर्तमान सा न बनाओ  टूटे मन को कहाँ जोड़ पाओगे   ।  ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ दर्द से दर्द का श्रृंगार नहीं होता दर्द से किसी को प्यार नहीं होता दर्द का कोई व्यापार नही होता दर्द का कोई साहूकार नही होता  दर्द का दर्द ही आप साथी हैं दर्द से किसी को सरोकार नही होता। 

कुछ दिल ने कहा

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अच्छे को अच्छे बोल देने मे क्या बुराई है अच्छाई से आखिर हमारी क्या  लड़ाई है ये तो हर दिल को अजीज होती हैं इसमें ये क्या देखना अपनी है या पराई है ।  🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 जिस बात के लिए  बहुत सोचना पड़ता है उस बात को फिर  पीछे छोड़ना पड़ता है  ।  🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 दिमाग वालों से यहाँ  कौन भिड़ता है वेबकूफ़ों से ही तो हर कोई लड़ता है।  🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 सच ही कभी कभी  हमें स्वीकार नहीं होता आँखों देखे पर भी  हमें विश्वास नहीं होता।  🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 हर कोई बैठा है इसी इंतजार में कब सब अच्छा होगा इस संसार में  ।  🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वक़्त की मांगे करवटें लेती रहती हैं उम्मीदें बहुत कुछ बदल देती हैं  आगाज से बहुत अलग अंजाम होता है अंत में सब लकीरों के नाम होता है  । 

कुछ ऐसी भी बातें होती हैं....

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अब क्या करना है ये जिंदगी और मिल भी गई तो क्या?  अब वक्त ही नही है  इन सभी बातों के लिए इन सभी जज़्बातों के लिए हर बात के लिए 'वक्त'  मुकर्रर किया गया है यहाँ उस वक्त पर जो नही हुआ वो नही हुआ फिर कभी नहीं हुआ क्योंकि गलत वक्त पर किया गया काम  किसी काम का नही हुआ  उसमें वो बात  ही नही होती  जो समय पर होने से है होती  वगैरह वगैरह वगैरह न जाने ऐसे कितने ही सवाल  उम्र के ढलने पर जवानी के दौर गुजरने पर जहन में जन्म लेते है या लेने लग जाते है  क्योंकि  उम्र के उस पड़ाव पर आदमी खड़ा होता है या  हम खड़े होते है  जहाँ इच्छाये   साथ छोड़ने लग जाती हैं जिंदगी जीने का  सलीका जान जाती है,  यही है जिंदगी जब तक रास्ते समझ में आते है तब तक लौटने का समय  होने लगता हैं धीरे धीरे हर बात से  नाता टूटने लगता हैं,  तभी  आदमी की सोच को  तथास्तु  तथास्तु  तथास्तु  कह कर समय  अपनी रफ्तार का  अहसास कराता हैं जो होना था  सो हो गया जो है ,उसमें खुश रहने की  नसीहत दे ...

रंग पर्व.....

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ये रंग हो प्यार का ये रंग हो बहार का ये रंग भरे जज्बातों में ये रंग भरे अहसासों में , ये रंग हो सच्चे रिश्तों का ये रंग हो गहरे रिश्तों का ये रंग हों उम्मीदों के  ये रंग हो विश्वास के ये रंग हो सपनो के ये रंग हो अपनों के ये रंग हों इजहार का ये रंग हों इकरार का  ये रंग हों उत्साह का ये रंग हों उमंग का  ये रंग बेरंग न हो किसी बात से । ये रंग न हो जीत -हार के ये रंग न हो द्वेष - दुर्व्यवहार का , ये रंग ना हो जात पात का ये रंग हों खुशियों भरे त्यौहार का  ये रंग हों सुंदर  सुंदर व्यवहारों का  ये रंग हों सिर्फ प्यार का ये रंग हों सिर्फ बहार का   ।  आप सभी को रंगों भरे त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई हो, 

एक जीत नजर आती है... ......

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 है कठिन जमाना लिए दर्द गहरे  अन्यायों की दीवारों में , जख्मो की बेड़िया पड़ी हुई है परवशता के विचारो में । रोते -रोते मोम के आँसू बदल गये अब सिसकियो में , हर दर्द उठाती है मुस्कान इस बेदर्द जमाने में   छिपाये नही छिपते है आंसू हकीकत के इन आँखों में , एक जीत नजर आती है जिंदगी जीवन के इन हारो में । रात को रौशन कर देगी कभी चाँदनी अपने उजालो में ।

गुजारिश

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दुर्घटनाओ   की   उठी   लहरों   को फना   करो  , आकांक्षा   की   वधू   को सँवरने   दो  , उठे   न  यहाँ  ऐसी   आंधी   कोई मांझी   कश्ती   का   रुख   मोड़  दो उमंग   भरी  मौजों  की   कश्ती साहिल   पे   आने   दो  , फिजाओं में मस्तियों को  लहराने दो कारवां   जब   हो   निगाहों   में जुस्तजू   सिमटी   हो   बाँहों   में  , ऐसे   खुशनुमा   माहौल   में किसी   तूफ़ान   का   ज़िक्र   न   करो  । 

मेरी दिली तमन्ना है

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मेरी दिली तमन्ना है इस दुनिया की तस्वीर बदल जाये मेरे रहते मेरे सामने ही ये दुनिया सँवर जाये ,  सुख- दुख आपस के बाँट सके मिलजुल कर जीना आ जाये जीवन का सार समझ ले सब जीना आसान बना जाये,  सोने की चिड़ियाँ भले न हो मन सबका सोना हो जाये,  बुरी बातों से तोड़ कर नाता अच्छी बातों के संग हो जाये,  जीवन की ही नही सारी दुनिया की तस्वीर बदल जाये  दिन भी रौशन होता रहे  रात भी जगमग हो जाये।  मेरी दिली तमन्ना है.......।