छोटी छोटी दो रचना

नींव की पुनरावृति कर खंडहर क्यो बुलंद करते हो ? जर्जर हो गये जो ख्याल उनमे हौसला कहाँ जड़ पाओगे , अतीत को वर्तमान सा न बनाओ टूटे मन को कहाँ जोड़ पाओगे । ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ दर्द से दर्द का श्रृंगार नहीं होता दर्द से किसी को प्यार नहीं होता दर्द का कोई व्यापार नही होता दर्द का कोई साहूकार नही होता दर्द का दर्द ही आप साथी हैं दर्द से किसी को सरोकार नही होता।