सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

चुप्पी


देखते

समझते

जानते हुए भी

वह कुछ नही बोला ,

बात कुछ अवश्य रही

तभी तो उसने

मुंह नही खोला l

26 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

जानबूझ कर तो कोई अनजान नहीं बनता है

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी..

ashish ने कहा…

anboojha anjana paheli sa .

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत ही बढ़िया।

प्रेम दिवस की हार्दिक बधाई।

सार

Jeevan Pushp ने कहा…

लब ना हिला हो मगर
आँखों से बयाँ तो हो ही गया होगा !
सुंदर प्रस्तुति !

बेनामी ने कहा…

kya bat hain bahut khoob
http://drivingwithpen.blogspot.in/

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बढिया है बहुत बढिया :) :)

रचना दीक्षित ने कहा…

कभी कभी मौन भी बहुत कुछ कह जाता है....

ईद का चाँद होती जा रही हैं, आज कल कहाँ है ज्योति जी?

केवल राम ने कहा…

ऐसे अवसर में कहाँ कुछ कहा जाता है सब कुछ .....चुप रहना भी नहीं गवारा .....बड़ा असमंजस है यह .....!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

विचारणीय..... सशक्त अभिव्यक्ति

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति,बेहतरीन

MY NEW POST ...कामयाबी...

Rachana ने कहा…

moun bhi mek bhasha hai mujhe aesa lagta hai .sunder bhaon se saji kavita
rachana

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत ही मनभावन प्रस्तुति । आपने तो दिल ही जीत लिया । मेरे पोस्ट पर आकर मेरा भी मनोबल बढ़ाएं। धन्यवाद ।

डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणा ने कहा…

बोलने के लिए अपराध मुक्त और पाप रहित अंतर्मन चाहिए!
http://4timeprayer4u.blogspot.in/

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अच्छा लगा इतने दिनों बाद आपको देखना ...
गहरी रचना के साथ भाव रक्खे हैं ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति,...बढ़िया सुंदर रचना.....

MY NEW POST ...काव्यान्जलि...सम्बोधन...

Kunwar Kusumesh ने कहा…

जी, कभी कभी ऐसा भी होता है.

Rakesh Kumar ने कहा…

मुँह खोलने और न खोलने का निर्णय एक
अहम निर्णय है.

ज्ञानीजन और अज्ञानीजन की चुप्पी
के अपने अपने कारण हैं.

वैसे चुप रहना भी एक बहुत बड़ा गुण है.
ज्ञानियों की सभा में यदि मूर्ख चुप रह पाए
तो वह भी ग्यानी ही समझ लिया जाता है.
इसलिए भर्तहरी ने 'चुप' को अज्ञानियों का
गहना बताया है.

आप मेरे ब्लॉग पर आतीं हैं तो मुझ में
नए उत्साह का संचार हो जाता है.

बहुत बहुत हार्दिक आभार आपका,ज्योति जी.

सदा ने कहा…

गहन भाव लिए ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत,बेहतरीन,...
NEW POST...फुहार...हुस्न की बात...

प्रेम सरोवर ने कहा…

मेरे रजिस्टर में आपको "अनुपस्थित" मार्क किया जा रहा है । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

Ramakant Singh ने कहा…

MAUN BHI GUNJATA HAI.
MAUN EK SASHKAT ABHIWYAKTI HAI.
BAS AB AAPAKI BARI HAI USE SAMAJHANE KI.
SUNDAR RACHANA.GAGAR MEN SAGAR.

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति । Welcome to my New Post.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आपका फालोवर बन रहाहूँ आपभी बने तो मुझे खुशी होगी,..
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...

निर्झर'नीर ने कहा…

kya baat kah di aapne ....bahut gahri or talkh sacchai ..exceelent

Bharat Bhushan ने कहा…

निश्चय ही चुप्पी के पीछे भाव भरे शब्दों का तूफान होता है.