शुक्रवार, 12 जून 2015

दिल ........

दिल सुनता रहा
दिल सहता रहा ,
सब्र का सिलसिला
बस यूही चलता रहा .
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खामोशी मे कई बातो का आगाज होता है
टूटने पर ही इस बात का अहसास होता है .
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8 टिप्‍पणियां:

रचना दीक्षित ने कहा…

गहन भावनाएं आभार

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... खामोशियाँ टूटने पर ही बहुत कुछ पता चलता है ...

Jyoti Singh ने कहा…

wah...jyoti

Jyoti Singh ने कहा…

wah...jyoti

Jyoti Singh ने कहा…

wah...jyoti

Jyoti Singh ने कहा…

wah...jyoti

Alpana Verma ने कहा…

खामोशी मे कई बातो का आगाज होता है
टूटने पर ही इस बात का अहसास होता है .
क्या खूब लिखा है ज्योति !वाह!

nagarjuna ने कहा…

वाह! वाह! वाह!