बुधवार, 23 सितंबर 2015

जिन्दगी महक जाती है जब उम्मीद खिलखिलाती है , वर्ना सूरते एक मुस्कान देखने के लिये तरस जाती . .................. जिन्दगी से जितना लड़ोगे जीवन मे उतना आगे बढ़ोगे . जिन्दगी मे जितना सहोगे समझ से उतना आगे रहोगे .

4 टिप्‍पणियां:

Alpana Verma ने कहा…

बिलकुल सही लिखा है ज्योति.
जीवन इसी का नाम है.

ज्योति सिंह ने कहा…

Alpana thik se rachna post nahi ho pa rahi ,lagta hai kuchh settings me problem hai

रचना दीक्षित ने कहा…

सुंदर विचार.

Rakesh Kumar ने कहा…

prateet hota hai aap uttam vichar prastut karnevaali thi.