मन के मोती

हर फिक्र से आजाद हम होने लगे है ,
सोचने सबके लिए अब कम लगे है .
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शिकायतो मे ही हमेशा जिन्दगी
बसर करना अच्छा नही ,
लौटकर नही आता यहॉ फिर
जो गुजर जाता हैै वक्त कभी .


टिप्पणियाँ

Madan Mohan Saxena ने कहा…
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
Sanju ने कहा…
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
JEEWANTIPS ने कहा…
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...
Alpana Verma ने कहा…
सच शिकायतों में समय गवाना बुद्धिमानी नहीं..हर हाल में खुश रहना ही ज़िन्दगी जीना है.
अच्छा लिखा है.
http://bulletinofblog.blogspot.in/2018/03/blog-post.html

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