नारी तुझसे ये संसार
नारी दुर्गा का अवतार
शक्ति जिसमें असीम अपार ,
नारी शारदा स्वरूप
बहाये प्रेम दया की धार ,
नारी लक्ष्मी का ले अवतार
चलाये संयम से घर संसार ,
हे जगजननी कष्ट निवारिणी
हाथ तेरे अन्नपूर्णा का भंडार ,
त्रिशक्ति को करके धारण
करती जगत का ये उद्धार ,
ममतामयी करुणामयी,क्षमाधात्री
तेरी महिमा का नही पार ,
जहां होता है नारी का सम्मान
भगवान भी आते है उसी द्वार ,
बिन नारी घर भूत का डेरा
नारी से ही सुशोभित है घर -संसार ,
फिर भी इस पर अन्यायों का
क्यो होता रहता है प्रहार ,
जो हारी इसकी उम्मीदे
समझो ये है हमारी हार ,
जो हारी इसकी उम्मीदे
समझो ये है विश्व की हार ।
सभी साथियों को महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएं
टिप्पणियाँ
मुझे तो बस इतना पता है कि माँ नहीं होती तो मैं नही होता और पत्नी नहीं होती तो मेरे बच्चे / बेटियाँ नहीं होती। इसकी पटाक्षेप में नानी व दादी की भूमिका कैसे भूल सकता हूँ ।
एक पुरुष तो महज कड़ी की भाँति है। हमारा पूर्ण अस्तित्व ही आपकी वजह से है।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।