समय की मांग
आज की जरूरत को हम सभी गंभीरता से समझे ,समझदारी के साथ बताये हुए नियमों का पालन करे ,ये कोई राजनैतिक मसला नही है ,ये प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का सवाल है ,ये जंग कोरोना जैसे महामारी के विरुद्ध है ,विश्व कल्याण के लिए है ,इसलिए सबकी सहमति एवं सहयोग की आवश्यकता है इस मुश्किल घड़ी में ।जहां विश्वास और एकता की शक्ति मिल जाएंगी ,वहाँ सब बढ़िया ही होगा ।जिस पैर से परेशानियां आई है उसी पैर से वापस लौट भी जाएंगी ।बस हम यूँ ही हिम्मत और धैर्य के साथ काम ले तथा जीवन व्यतीत करे ।वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमारा प्रयास ,लक्ष्य सम्पूर्ण विश्व के जीवन को बचाना है ,क्योंकि फिलहाल जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है ।आशा करती हूं इस बात को सभी समझेंगे ।आप अपने घर में रह रहे है और वही रहे घर से महफूज जगह कोई नही ,घर ही आज जन्नत है हमारे लिए ,जीवनदान और जीवन का सुख हमारा घर ही हमे देगा ,घर की अहमियत को समझे ,नादानियों से बचे रहे ,यही समय की मांग है ,बात डर की अवश्य है लेकिन निराश न हो ,लड़ाई लंबी ,मुश्किल है मगर जीत हासिल होगी ,समय एक जैसा कभी नहीं रहा ,न रहेगा , समय बदलता है और बदलेगा वो भी बहुत जल्दी ,हो सकता है ये बीमारी हमे कुछ समझाने ,सिखाने आई हो ,सही दिशा दिखाने आई हो ,कुछ अच्छा करने आई हो जगत का ,मानव का ।
ये मेरे दिले नादान तू गम से न घबराना ...
मालिक ने तुझे दी है ये जिंदगी जीने को ,
तूफान में रहने दे तू अपने सफीने को ,
जब वक़्त इशारा दे साहिल पे पहुंच जाना ,
ये मेरे दिले नादान तू गम से न घबराना ।
ये मालिक तेरे बंदे हम ,नेकी पर चले ,बदी से टले ,ऐसे हो तुम्हारे करम ।
जय हिंद हरि ॐ
शुभ प्रभात
टिप्पणियाँ
ज्योति जी , पोस्ट को पैरा करके अलग करने से इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी ।।
जीत निश्चित है बस समय और धैर्य चाहिए ... सुन्दर पोस्ट ...