लौटकर कोई आये न आये
आवाज आती तो है
वापसी का पैगाम
उम्मीद जगाती तो है ,
दिन बदलता है सभी का
तुम्हारा भी बदलेगा
देकर जरा सी तसल्ली
उम्र बढ़ाती तो है ।
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लाख दाग हो
फिर भी
बेदाग ही
कहलाता है ,
ये चाँद
सबको
खूबसूरत ही
नजर आता है ।
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10 टिप्पणियां:
बढ़िया रचनाएँ 👍👍👌👌
बहुत सुंदर छोटी छोटी कविताएँ
सुन्दर
बढ़िया ।
दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर.
दोनों रचनाएं सुन्दर बनी !
धन्यवाद संगीता जी
अच्छी रचनाएं
सभी साथियों का हार्दिक आभार ,साथ ही बहुत बहुत धन्यवाद भी ,यू ही आकर हौसला बढ़ाते रहिये आप सभी ,नमस्कार
सुन्दर प्रस्तुति ज्योति जी!... बधाई!
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