नरम गरम ....
आज चाँद
है कुछ
नरम -गरम ,
और कर रहा
शायद
वनवास में भ्रमण ,
बदरी के ओट में भी
नहीं छिपा हुआ ,
देखता नहीं तो
जरूर दर्पण ,
चांदनी भी आज
जला रही ,
है जरूर बैठा
किसी कोप भवन ,
जो निकले मिजाज
बदलकर बाहर ,
और चेहरे पर
बिखरी हो मुस्कान ,
कह देना तब
उसे कही ,
यारो मेरा
दुआ सलाम ।
टिप्पणियाँ
badhayi apko
आपको महा-शिवरात्रि पर्व की बहुत बहुत बधाई .......