चन्द सवाल है जो चीखते रह गये ...
हमारे दरम्यान के सभी रास्ते यकायक बंद हो गये
क्या कहे ,न कहे हम इस सवाल पर अटक गये ।
हम जानते है ये खूब ,दगा फितरत मे नही तुम्हारे
कोशिश तो थी मिटाने की ,मगर दाग फिर भी रह गये ।
जब भी बढ़कर उदासी मे तुम्हे गले लगाना चाहा,
तभी कुछ चुभने लगा और कदम ठहर गये ।
सब कुछ ख़ामोशी मे दबकर तो रह गया
मगर चंद सवाल है ,जो चीखते रह गये ।
हर बात गहरे यकीन का अहसास दिलाती है
पर वो नही कभी कह पाये जो तुम कह गये ।
टिप्पणियाँ
जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
22/09/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
बहुत सुन्दर..