पतन से पहले
अंत बुराई का
निश्चय ही होता है ,
तब आस का दीपक
हरदम ही जलता है
यही वजह है
अंश यहां
मानवता का जिंदा है ,
घायल तो है
जमीर यहाँ
पर वो शर्मिंदा है ।
एक आस का दीपक ही है जी प्रकाश ले आता है हर अन्धकार में ...सुन्दर रचना ...
Shukriya digambar ji
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2 टिप्पणियां:
एक आस का दीपक ही है जी प्रकाश ले आता है हर अन्धकार में ...
सुन्दर रचना ...
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