होली के रंग ....
ये रंग हो प्यार का
ये रंग हो खुशियों का ,
ये रंग भरे जज्बातों में
ये रंग अपने होने के
अहसासों में ,
ये रंग हमारी खुशियों के
हर पलो में ,
ये रंग बेरंग न हो
किसी बात से ।
ये रंग भरा हो
अटूट रिश्तों से ,
ये रंग न हो
जीत -हार का ,
ये रंग न हो
द्वेष -दुर्व्यवहार का ,
ये रंग हो
सिर्फ प्यार का ,
ये रंग हो
सिर्फ बहार का ।
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सभी मित्रो को इस रंग पर्व की हार्दिक शुभकामनाये ,हर आँगन में बिखरे उम्मीद भरे रंग ।
टिप्पणियाँ
ये रंग न हो
द्वेष -दुर्व्यवहार का ,
ये रंग हो
सिर्फ प्यार का ,
ati sunder
यह ऊपर वाली टिपण्णी मेने गलती से कर दी थी जो किसी ओर की थी, ओर उसे मिटाना पडा, माफ़ करे
ये रंग न हो द्वेष दुर्व्यहार का...
ये रंग हो सिर्फ़ प्यार का
ये रंग हो सिर्फ़ बहार का....
कितनी ऊंची सोच पेश की है आपने...
काश सभी के दिलों में ये पवित्र विचार उत्पन्न हो जायें
बहुत खूब...सुन्दर लेखन
और भावनाओं के लिये.बधाई स्वीकार करें.
सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
चन्द्र मोहन गुप्त
देख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
सिर्फ प्यार का ,
ये रंग हो
सिर्फ बहार का ।
bas yahi he holi/ bahut sundar rachna he.
aapko bhi holi ki shubhkamnaye
होली है होली रंगों की रंगोली
आओ हम मिलजुल खेलें
संग यार नटखटों की टोली
मुबारक हो आपको ये होली
द्वेष -दुर्व्यवहार का ,
ये रंग हो
सिर्फ प्यार का ,
ये रंग हो
सिर्फ बहार का ।
आमीन ! ...
जीत -हार का ,
ये रंग न हो
द्वेष -दुर्व्यवहार का ,
ये रंग हो
सिर्फ प्यार का ,
ये रंग हो
सिर्फ बहार का ।
क्या लिखें हमेशा की तरह दिल के बहुत करीब है
बहुत खूब
आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें