जीवन संगीत
आज के दिन ही हम एक हुए थे....कितना लम्बा सफ़र तय कर लिया, याद ही नहीं। लगता है कल की ही तो बात थी........ अहसास कभी उम्र नहीं पाते , कितनी सच्ची बात है ये। जीवन की ऊंची-नीची डगर पर चलते हुए कब एक अजनबी इतना अपना हो जाता है पता ही नहीं चलता.........
सुख-दुख के साझेदार हुए,
जीवनभर के साथ हुए।
कानों में संगम के गीत प्रिये,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
आंसुओं से भीगे हुए,
पलकों पर कुछ अद्भुत सपने,
हमने जो आँखों में समां लिए,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
उजियाले का अधिकार लिए,
मिटा तम के आकर्षण प्रिये।
ढलते सूरज को दे आवाज़,
हर हार को निरस्त करके,
मुश्किलों में मुस्कान लिए,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
इस जीवन के गीतों के
स्वर नहीं आसान प्रिये,
जहां मिले स्वर हमारा
मधुर वही संगीत प्रिये।
चलते रहे अगर साथ यूं ही,
हर मुश्किल है आसान प्रिये,
तुम तो मेरे मीत प्रिये,
जीवन का संगीत प्रिये.
टिप्पणियाँ
ज्योति , शादी की साल गिरह बहुत-बहुत मुबारक हो. मिठाई उधार रही.
बहुत भावुक कर गयी आपकी ये कृति.मुझे भी
जाने क्या क्या याद आ गया आखिर चौबीस साल गुजरे हैं मैंने भी. इधर थोड़ी व्यस्त थी पर अब आ गयी हूँ कमर कस कर. शादी की सालगिरह मुबारक
bahut hee pyara geet likha hai aapane jeevan kee sacchai ko samete .
प्रिय को संबोधित आपकी रचना भी पढ़ी ....दुआ है ये ज़िन्दगी यूँ ही दुःख सुख बांटते कट जाये ....!!
फूल बहुत सुंदर है .....!!
और एक अजनबी के सुख-दुःख में साझीदार होने के एहसास में
तम को मिटाने और सूरज को आवाज देने की ताकत होती है।
--वाह क्या खूब भाव जगाए आपने मेरे भी मन में..
...शायद यही जीवन संगीत है।
खूबसूरत शब्द और प्यारा सा चित्र. आपको बहुत सारी शुभकामनाएं विवाह की वर्षगाँठ पर, बस जितने अब तक गुजरें हैं उनसे अच्छे हज़ार साल आप दोनों के और गुजरें.
जब भीतर प्यार समाया हो तो सारा जीवन मधुर संगीत हो जाता है .जिसे प्यार करने वाला ही समझ सकता है . आपने प्यार लिखा है .
अपन ई- मेल से बात कर सकते हैं ,फिलहाल.
SAJEEV HO GAYE HAIN AAPNE CHABD .. MAN SE LIKHE SHABDON KI SAARTHAK PARINITI ...
bahut bahut badhai aur shubhkamnaye
is vishesh din ki .
fool khilte rhe gulshn mhkte rhe
jeevan ke ye sal yu hi chlte rhe .
mai kafi der se aapke blog par aai kshma kre .