शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

ज्योति -पर्व ....




दीपो के इस पर्व में

है तम की हार ,

बिखरी जो उज्जवल ज्योति

ठिठुर गया अन्धकार ,

जादू भरे उजाले में

जीने का आधार ,

उम्मीदों के है दामन फैले

लिए दुआएं हज़ार ,

करे कामना इस दीपोत्सव


हो रौशन घर -संसार ,

लक्ष्मी -गणेश जी आप पधारे

ले आँगन में शुभ -लाभ ,

स्वागत में आज सजे हुए

घर -घर के द्वार ।

-------------------------------------

दीपो का ये पर्व सबके लिए मंगलमय हो ,शुभ दीपावली

10 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

दीपावली के पावन पर्व पर दिल के उद्गारों को जिस ढ़ंग से व्यक्त किया गया है वह सराहनीय है।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

आपको भी बहुत-बहुत शुभकामनायें.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

दीपावली आपके जीवन में नयी नयी खुशियाँ ले कर आये .........
बहुत बहुत मंगल कामनाएं .........

vikram7 ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

ज्योति सिंह ने कहा…

aap sabhi ko shubh dipawali .raushan ho jahan isi umeed ke saath tahe dil se shukriyaan .

ज्योति सिंह ने कहा…

aap sabhi ko shubh dipawali .raushan ho jahan isi umeed ke saath tahe dil se shukriyaan .

आनन्द वर्धन ओझा ने कहा…

एक दीप ऐसा भी जला दो, रूह रौशन हो सके !
अंधेरों को आये नींद गहरी, और उजाला हो सके !!
सप्रीत, आ.

ज्योति सिंह ने कहा…

aanand ji ,itne uttam vichar se to hamara man raushan ho gaya .aabhari hoon .shukriya.

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.

दीपावली और भाई-दूज पर आपको और आपके परिवार को अनंत हार्दिक शुभकामनाएं.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

मनोज भारती ने कहा…

दीपोत्सव पर आपकी भावनाएँ दीपों की तरह ही उजाले का माध्यम बन प्रकाशित हुई हैं ।

शुभकामनाएँ