कौन हो तुम ....?
वक़्त किसी के लिए ठहरता नही , मगर तुम्हे उम्मीद है कि वो ठहरेगा , सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए , और इन्तजार करेगा तुम्हारा , बड़ी बेसब्री से । कोई अलभ्य शख्सियत हो ? जो रुख हवाओं का मोड़ रहे हो ? वर्ना आदमी दौड़कर भी पकड़ नही पाया वक़्त को तां - उम्र , और तुम बड़े इत्मीनान से सुस्ता रहे हो ।