किसी भी त्यौहार की गरिमा को बनाये रखना जरूरी है ,क्योंकि ये त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते है ,ये हमें अपनी मातृभूमि से जोड़कर रखते है ,आपसी बैर को मिटा कर दोस्...
जब जब मुझे छोटा बनाया गया मेरे तजुर्बे के कद को बढ़ाया गया जब जब हँसकर दर्द सहा तब तब और आजमाया गया , समझने के वक्त समझाया गया क्या से क्या यहां बनाया गया , न्याय का भी अजीब हिसाब...
फूँक दे जो प्राण में उत्तेजना गुण न वह इस बांसुरी की तान में , जो चकित करके कंपा डाले हृदय वह कला पायी न मैंने गान में । जिस व्यथा से रो रहा आकाश यह ओस के आंसू बहा के फूल में । ढ...
सब चीजों को हमने बस ,पाने का मन बनाया , जब हाथ नही वो आया तो मन दुख से भर आया । जीतकर दुनिया भी सिकंदर कुछ नही यहां भोग पाया , हुकूमत की लालसा में उसने बस लाशों का ढेर लगाया । बहुत ज...
शीर्षक --आदमी मुनाफे के लिए आदमी व्यापार बदलता है, खुशियों के लिए आदमी व्यवहार बदलता है , ज़िन्दगी के लिए आदमी रफ्तार बदलता है , देश के लिये आदमी सरकार बदलता है , तरक्की के ल...
तुम बस अपनी ही कहते हो औरो की कब सुनते हो ? औरो की जब सुनोगे बात तभी तो समझोगे । न्याय एक पक्ष का नही दोनों पक्षों का होता है , उसे तो तानाशाही कहते है जहाँ कोई अपनी मनमानी करता ...
तुम्हारे सभी फैसलों पर मै मोहर लगाती जा रही हूं , नारी हूँ ,इसलिए सभी नारी धर्म निभा रही हूं , ये अलग बात है सोचती हूँ मै ईसा की तरह , तभी नादान समझकर माफ करती जा रही हूँ , पर इस भरम...
जिसके लिये भी अच्छा सोचा उसी के लिए बुरी बन गई , छोड़ दे सारी दुनिया की फिक्र मन ने कहा ,पर आदत वही रह गई । हंगामा करना भाता न था तभी चुप रहकर सब सह गई , औरों को ही हमेशा देती रही मैं ...
काव्यांजलि बीते दिनो की हर बात निराली लगती है बचपन की हर तस्वीर सुहानी लगती है . पहली बारिश की बूंदो मे मिलकर खूब नहाते थे , ढेरो ओले के टुकड़ों को बीन बीन कर लाते थे . इन बातो मे ...