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मार्च, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हमारे प्यारे त्यौहार

किसी भी त्यौहार की गरिमा को बनाये रखना जरूरी है ,क्योंकि ये त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते है ,ये हमें अपनी मातृभूमि से जोड़कर रखते है ,आपसी बैर को मिटा कर दोस्...

न्याय का हिसाब

जब जब मुझे छोटा बनाया गया मेरे तजुर्बे के कद को बढ़ाया गया जब जब हँसकर दर्द सहा तब तब और आजमाया गया , समझने के वक्त समझाया गया क्या से क्या यहां बनाया गया , न्याय का भी अजीब हिसाब...

खोज करती हूं उसी आधार की

फूँक दे जो प्राण में उत्तेजना गुण न वह इस बांसुरी की तान में , जो चकित करके कंपा डाले हृदय वह कला पायी न मैंने गान में । जिस व्यथा से रो रहा आकाश यह ओस के आंसू बहा के फूल में । ढ...

मिट्टी की आशा ....

सब चीजों को हमने बस ,पाने का मन बनाया , जब हाथ नही वो आया तो मन दुख से भर आया । जीतकर दुनिया भी सिकंदर कुछ नही यहां भोग पाया , हुकूमत की लालसा में उसने बस लाशों का ढेर लगाया । बहुत ज...

आदमी

शीर्षक  --आदमी मुनाफे के लिए आदमी  व्यापार बदलता है, खुशियों के लिए आदमी व्यवहार बदलता है , ज़िन्दगी के लिए आदमी  रफ्तार बदलता है , देश के लिये आदमी  सरकार बदलता है , तरक्की के ल...

तुम बस अपनी ही कहते हो

तुम  बस अपनी ही कहते हो औरो की कब सुनते हो ? औरो की जब सुनोगे बात तभी तो समझोगे । न्याय एक पक्ष का नही दोनों पक्षों का होता है , उसे तो तानाशाही कहते है जहाँ कोई अपनी मनमानी करता ...

मै दुर्गा बनकर आऊँगी ......

तुम्हारे सभी फैसलों पर मै  मोहर लगाती जा रही हूं , नारी हूँ ,इसलिए सभी नारी धर्म निभा रही हूं , ये अलग बात है सोचती हूँ मै ईसा की तरह , तभी नादान समझकर माफ करती जा रही हूँ , पर इस भरम...

मै औरत ही बनकर रह गई ____

जिसके  लिये भी अच्छा सोचा उसी के लिए बुरी बन गई , छोड़ दे सारी दुनिया की फिक्र मन ने कहा ,पर आदत वही रह गई । हंगामा करना भाता न था तभी चुप रहकर सब सह गई , औरों को ही हमेशा देती रही मैं ...

बचपन की तस्वीरे

काव्यांजलि बीते दिनो की हर बात निराली लगती है बचपन की हर तस्वीर सुहानी लगती है . पहली बारिश की बूंदो मे मिलकर खूब नहाते थे , ढेरो ओले के टुकड़ों को बीन बीन कर लाते थे . इन बातो मे ...