हम अंत कभी नहीं चाहते .........
एकता और प्रेम की मिसाल हम कायम करना चाहते थे , अमन और इंसानियत का हथियार हम इस्तेमाल करना चाहते थे , मगर आक्रोश और जुनून में खौलते हुए चंद विचार , अस्त्र -शस्त्र चलाने पर हमें मजबूर करते रहे , इतिहास के पन्ने जो पहले वीर गाथाओं से भरे थे , आज काले -काले धब्बो से भरकर भद्दे होते जा रहे , समय को हम चाहते है रोकना इतिहास को हम चाहते है बदलना पर दोनों ही हमारे वश में नहीं रहे , हम अंत कभी नहीं चाहते थे पर इसके भागीदार तो बने रहे , ऐसा लगता है मानो ...