न्याय का हिसाब जब जब मुझे छोटा बनाया गया मेरे तजुर्बे के कद को बढ़ाया गया जब जब हँसकर दर्द सहा तब तब और आजमाया गया , समझने के वक्त समझाया गया क्या से क्या यहां बनाया गया , न्याय ...
शीर्षक --आदमी मुनाफे के लिए आदमी व्यापार बदलता है, खुशियों के लिए आदमी व्यवहार बदलता है , ज़िन्दगी के लिए आदमी रफ्तार बदलता है , देश के लिये आदमी सरकार बदलता है , तरक्की के लिए ...