क्या .......? क्या कहा जाये क्या सुना जाये इस क्या से आगे यहाँ कैसे बढ़ा जाये समझ आता नहीं , क्योंकि ये दुनिया अब पहले जैसे सीधी रही नहीं , तभी आसान बात भी मुश्किल नज़र आती है , किसी से कहे कुछ उसे समझ कुछ और आती है । शायद इसलिए ज़िन्दगी अब , लम्हों में बिखर जाती है । जिंदगी यूँ ही कतरा -कतरा गुजारी जाती है । - ज़िन्दगी यूँ ही कतरा कतरा गुजार - ज़िन्दगी यूँ