ब्लौगर बंधुओं के नाम.....
कब किससे कैसे कहें अपनेदिलकीबात, इन सारी बातों से हम सभी हुए आजाद । एक साथी ब्लौग है,दूजी कलम है पास जीवन के हर रंग में एक दूजे के साथ सारी दुनिया जोड़ के तनहा नहीं कोई आज एक ही जाल को बुन रहा सुंदर सुखद समाज । यहाँ न किसी का शोर है और ना मन पे ज़ोर , खुले आकाश में उड़ रही आज पतंग निसोच , उस के रास्ते काटने आएगा नहीं कोई और । इन्द्र -धनुष के रंगों से हो रही मुलाक़ात , मंजिल के साथ ही मानो चल रहे सब आज .