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कब तक.....

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कब   तक   और  ____ कहाँ   तक इन्तजार   में   खड़े   रहकर तुम्हारे   सहारे   को   तकते   रहें  __ कभी   तो कहीं   तो तुम   छोड़   ही   दोगे ऊब   कर   । बैसाखी   तो   हो   नही जो   पास   में   रख   लू   । इतना   ही   काफी   है जो   तुमने   खड़ा   कर   दिया  ___ दौड़   भले   न   पाऊं तुम्हारे   बगैर  , मगर   चल   तो   लूंगी   अब  , धीरे  - धीरे   ही   सही गिरते  - पड़ते   लड़खड़ाते  , एक   दिन   दौड़ने   भी   लगूंगी   ।

जिंदगी से सब.....

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मुक्कमल जहां किसी को   मिलता नही न मिले न सही  कोई बात नही ,  दुनिया को समझने के लिए जानने के लिए जिंदगी ही काफी है  यहाँ जिंदगी ही बहुत कुछ दे देती है हमें  ये भी कम नहीं ,  ये जिंदगी ही सही सलामत रहे बहुत है कही  ।  **************** ये जिंदगी यू ही कुछ नहीं देती  बहुत कुछ देती है तो बहुत कुछ ले भी है लेती  यहाँ जिंदगी से बढ़ कर जिंदगी से पहले कुछ नहीं  इसी की वजह से सारी जरूरतें सारी बातें है होती,  ये सही सलामत है तब तक सब कुछ साथ है ।  जिस दिन ये नही उस दिन फिर कुछ नहीं ,  वजह भी यही, बेवजह भी यही हैं, इसलिए जो है जितना है उसे ही संभाल कर रक्खा जाये ,उसी के लिए दुआ किया जाये, सुख दुख सारे इसी के साथ है,जो कुछ अच्छा होता है मिलता है ,उसके लिए अपने मालिक का शुक्रिया अदा करे, जाने के बाद भी जो साथ रहता है वो है काम, एहसास ,कर्म, प्यार। इन्ही की कद्र करनी चाहिए, इन्ही की हिफाजत करनी चाहिए ,हम सभी  इंसान को , यहाँ हौसले से काम बनते हैं, हथियार से नही, यहाँ हौसला जीतता है ,हथियार नही ।  यू तो ...

उम्मीद.......

जिस उम्मीद के साथ हम कुछ कहने को जाते है  उस उम्मीद के साथ हम लौट कर नही आते हैं  ,  तभी तो उन लोगों से हम कुछ नहीं कह पाते है  बात समझने की जगह जो बात को  बढ़ा जाते है । 

संगदिल

तुम   तो   पत्थर   की   मूरत   हो नज़र   आते  ,  अजंता   की   सूरत   हो  , जहां  प्रेम  तो   झलकता   बखूबी पर   अहसास   नही   जिन्दा   कही   भी  , हर   बात   बेअसर   है   तुम   पर जो   समझ   से   मेरे   है   ऊपर  , सब  बात   पे   आसानी   से   कह   जाते कोई   फर्क   नही   पड़ता   हम   पर  , इस   हाड़  मांस   के   पुतले   में दिल तो नही ,हो गया कही पत्थर  ?  तुम   कह   गए   और   हम   मान   गये यहाँ   बात   नही   होती  , पूरी   दिलबर  , क्या   ऐसा   भी   संभव  है यह   प्रश्न  खड़ा  , मेरे   मन   पर  , छोड़ो  अब   इसे   जाने   दो  , देखेंगे क्या   होगा   आगे   आने   पर  ।