आधुनिक ता परिधानों में नही आधुनिकता दिखावे में नही , आधुनिकता झलकती है अपने विचारो से , आधुनिकता दिखती है अपने व्यवहारों में , आधुनिकता सुसंस्कार में आधुनिकता पावन प्यार में । अश्लीलता से सर झुकता है अभद्रता से रिश्ता टूटता है , रेशमी परदे से हालात ढकते नही कर्जो पर शान - शौकत टिकते नही , शालीनता में रहकर शिष्टता निभाये अपनी सुसंस्कृति को आगे बढ़ाये , धर्म के नाम पर झंडे न लगाये जाति - पाति पर सवाल न उठाये । जहाँ भूख बिलखती है दो रोटी के आस में , पेट को वो ढकती है अपने दोनों पाँव से , लाचार खड़ा होता है आदमी जहाँ इलाज में , घर छीन लिया जाता जहाँ वृद्धों के हाथ से , भेद भाव पनपते है यहाँ अमीरी - गरीबी से , इमानदारी खरीद ली जाती नोटों की गड्डी से । हालात जिस देश के हो इतने गरीब बेचकर इंसानियत और जमीर , हम कैसे कह सकते है कि हम है यहाँ आधुनिक ।