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वैसा कुछ भी नहीं रहा

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वैसा  कुछ  भी  नहीं   रहा  यहाँ   जैसा  पहले  हुआ  करता  रहा  यहाँ  वक़्त  के  दरिया  में  कल  बह  गया  आज  हर  किसी  का  बदला  हुआ  है यहाँ     1 वक़्त  की  मांगे  करवटे  लेती  रहती  है   उम्मीदे  बहुत  कुछ  बदल  देती  है  यहाँ  आगाज़  से  बहुत  अलग  अंजाम  होता  है  रिश्ते  बनते  है  जैसे  वैसे  रहते  नहीं  यहाँ  1