गुमां नहीं रहा जिंदगी का जिंदगी पे अधिकार नही रहा इसीलिए उम्र का अब कोई हिसाब नही रहा , आज है यहाँ , कल जाने हो कहाँ साथ के इसका एतबार नही रहा , मोम सा दिल ये पत्थर न बन जाये हादसो...
चीर कर सन्नाटा श्मशान का सवाल उठाया मैंने , होते हो आबाद हर रोज कितनी जानो से यहाँ फिर क्यों इतनी ख़ामोशी बिखरी है क्यों सन्नाटा छाया है यहाँ , हर एक लाश के आने पर तुम जश्न मना...