पाक सा रिश्ता
है , तुम्हारे यकीं से
मेरा विश्वास जुड़ा
तुम्हारी अदा है
सबसे जुदा ,
चाहूँ भी कुछ
छिपाना तुमसे
छिपाना मुश्किल है जरा ,
न चाहने से भी हमारे
कुछ होगा भी कहाँ ,
इस पाक रिश्तें का साथ
दे रहा हो जब ख़ुद खुदा ।
ये ख्याल लिए
भीनी सी हँसी
बिखेर देती है ,जुबां ।
टिप्पणियाँ
bahut khoob, sunder abhivyakti.
दे रहा हो जब ख़ुद खुदा ।
मन को छू गयी ये पंक्ति
बधाई
भीनी सी हँसी
बिखेर देती है ,जुबां ।
क्या बात है बहुत अच्छी रचना