काश..




'काश'
ज़िन्दगी के
हर पृष्ठ पर
जमे हुए है
बेहिसाब ,
जहाँ उठी
बेबसी
चल दिये साथ ।
असीमित
असंभव
पथ में ,
सर्वदा रहे
उदास ,
'काश '
बेहद ख़ास ।









टिप्पणियाँ

रविंद्र "रवी" ने कहा…
"काश" बेहद खास है ज्योतिजी! बहुत ही सही लिखा है. कम शब्दो मी बहुत बडी बात!!!यही तो है खास!!
बहुत सुन्दर कविता. बधाई.
ARUNA ने कहा…
बहुत खूब ज्योति जी!
राज भाटिय़ा ने कहा…
कविता मै कही उदासी झलकती है, बहुत खुब
धन्यवाद
हरकीरत ' हीर' ने कहा…
kash....kash....kash....aisa ho pata ....hai n ....????
सुन्दर रचना. मुबारकबाद
Yogesh Verma Swapn ने कहा…
wakai behad khas abhivyakti.
Alpana Verma ने कहा…
sundar rachna
Kaash!!!!!!!...na jane kitne sapne dikhata hai ye 'kaash'!
क्या खूब कहा है ज्योति जी, इस काश को काश हम भी समझ पाते
बस एक यही शब्द है जिसके आगे बस इंसान कुछ नही कहता बस ... मन बोलता है मौन में .....
kumar zahid ने कहा…
'काश'ज़िन्दगी के हर पृष्ठ पर जमे हुए है बेहिसाब ,जहाँ उठी बेबसी चल दिये साथ । असीमित असंभव पथ में ,सर्वदा रहे उदास ,'काश 'बेहद ख़ास ।

aapki bhavnaon ke sath ho photo apne lagaya hai oh bhi bahut prabhokari hai. Badhai...
ज्योति सिंह ने कहा…
bahut bahut dhanyawaad aap sabhi ka ,aap sabhi ke aane se yahan hausala badha .
उदास नही रहना चाहिये था...काश तो सबके साथ होता है..काश! बहुत बढिया...
vishnu-luvingheart ने कहा…
sabse pahle to aap mere blog pe aaye, uska sahriday dhanyawad...
ye ek vidambana hai ki "kash" word hamesha udasi ya afsos ke vakyon ke sath hi judta hai....
sahi mein apne gagar mein sagar bhara hai....
ज़मीर ने कहा…
आपकी यह कविता बहुत अच्छी लगी.
वाह गागर में सागर जैसी बात कह दी...
बच्चो के एक्साम्स है...इसलिए दिखाई कम देती हु
ज्योति सिंह ने कहा…
aap sabhi ka bahut bahut shukriyaan ,jo is kaash ko apni apni tippaniyo se khas banaya ,kaash aksar namumkin jagah me hi saamne aata hai isliye thoda udaas avam nirash sa ho jaata hai ,
वाह .....jyoti जी गज़ब का लिखतीं हैं आप .......!!
Apanatva ने कहा…
ye kaise padana choot gaya .......
chaliye der aae durust aae.
sunder rachana.......
Happy holi.......

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