ख्वाब एक
निराधार
बेल की तरह,
बेलगाम
ख्याल की तरह ,
असहाय डोलती
कल्पना है ,
जो हर वक़्त
कब्र खोद कर ही
ऊँची उड़ान भरती है ,
क्योंकि
उसका दम तोड़ना
निश्चित है ।
नमस्ते, आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (06-07-2020) को 'नदी-नाले उफन आये' (चर्चा अंक 3754) पर भी होगी। -- चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है। जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। -- -रवीन्द्र सिंह यादव
अच्छे को अच्छे बोल देने मे क्या बुराई है अच्छाई से आखिर हमारी क्या लड़ाई है ये तो हर दिल को अजीज होती हैं इसमें ये क्या देखना अपनी है या पराई है । 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 जिस बात के लिए बहुत सोचना पड़ता है उस बात को फिर पीछे छोड़ना पड़ता है । 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 दिमाग वालों से यहाँ कौन भिड़ता है वेबकूफ़ों से ही तो हर कोई लड़ता है। 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 सच ही कभी कभी हमें स्वीकार नहीं होता आँखों देखे पर भी हमें विश्वास नहीं होता। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 हर कोई बैठा है इसी इंतजार में कब सब अच्छा होगा इस संसार में । 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वक़्त की मांगे करवटें लेती रहती हैं उम्मीदें बहुत कुछ बदल देती हैं आगाज से बहुत अलग अंजाम होता है अंत में सब लकीरों के नाम होता है ।
धीरे - धीरे यह अहसास हो रहा है ,
वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है।
कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़ ,
आज क्यों मेरा रकीब हो रहा है।
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इन्तहां हो रही है खामोशी की ,
वफाओं पे शक होने लगा अब कहीं।
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जिंदगी है दोस्त हमारी ,
कभी इससे दुश्मनी ,
कभी है इससे यारी।
रूठने - मनाने के सिलसिले में ,
हो गई कहीं और प्यारी ।
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इस इज़हार में इकरार
नज़रंदाज़ सा है कहीं ,
थामते रह गए ज़रूरत को ,
चाहत का नामोनिशान नहीं।
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ये बहुत पुरानी रचना है किसी के कहने पर फिर से पोस्ट कर रही हूँ ।
ह ृदय उदार हो ,
सागर की थाह सा
गहरा भाव हो
मन में प्यार हो ,
शुद्ध अन्तः करण हो ,
उद्देश्य हो सभी का
परोपकार ,
रंजो - गम का कोई भी
स्वरुप न हो साकार ,
ऐसे रिश्तें जीवन बांटे
मन में रख न मलाल ।
एकता के इन भावो से
सारा जीवन हो खुशहाल ।
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सभी साथियों को नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाये ,
टिप्पणियाँ
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (06-07-2020) को 'नदी-नाले उफन आये' (चर्चा अंक 3754)
पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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-रवीन्द्र सिंह यादव