औरत

बहुत कुछ बदला है
बहुत कुछ बाकी है।
एक रोज़ वो सबकुछ मिलेगा,
औरत जो यहाँ चाहती है।

टिप्पणियाँ

ज़रूर मिलेगा सब कुछ ... ओरत की हिम्मत पहाड़ से भी ज़्यादा है और वो पास लेगी जो उसे चाहिए ...
क्या कहने, बहुत सुंदर
वाह.... एक बार फ़िर स्वागत है इस शानदार कविता के साथ तुम्हारा..
Jyoti Singh ने कहा…
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Jyoti Singh ने कहा…
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Jyoti Singh ने कहा…
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